पहाड़ों की रानी शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी @thesamskara

शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। यह ब्रिटिश शासन के दौरान पूर्व में ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। शिमला शहर कई पहाड़ियों पर बना हुआ है और लकीरें जुड़ी हुई हैं। महत्वपूर्ण पहाड़ियों में जाखू (8050 फीट), प्रॉस्पेक्ट हिल (7140 फीट), ऑब्ज़र्वेटरी हिल (7050 फीट), एलिसीयम हिल (7400 फीट) और समर हिल (690 फीट) हैं। शिमला नाम…

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दिव्य सिद्ध पीठ है बाबा बालक नाथ सिद्ध धाम @thesamskara

दिव्य सिद्ध पीठ है बाबा बालक नाथ सिद्ध धाम हिमाचल प्रदेश की मूल धार्मिक प्रवृति व संस्कृति में उच्च भाव केंद्रों के रूप में अनेक सिद्ध तीर्थ प्रतिष्ठित हैं। इनमें बाबा बालक नाथ सिद्ध धाम दियोटसिद्ध उत्तरी भारत का दिव्य सिद्ध पीठ हैं। हिमाचल प्रदेश की मूल धार्मिक प्रवृति व संस्कृति में उच्च भाव केंद्रों…

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लाहौल का त्रिलोकीनाथ मंदिर @thesamskara

हिमाचल प्रदेश में शिव से संबंधित अनेक तीर्थ स्थल एवं मंदिर (शिवालय) हैं। ऐसा ही एक शिव स्थान है लाहौल का त्रिलोकीनाथ मंदिर। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के जिला लाहौल-स्पीति के उदयपुर में स्थित है । हिमाचल प्रदेश में शिव से संबंधित अनेक तीर्थ स्थल एवं मंदिर (शिवालय) हैं। ऐसा ही एक शिव स्थान है…

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मां रेणुका जमदग्नि ऋषि की पत्नी की कथा @thesamskara

मां रेणुका जमदग्नि ऋषि की पत्नी… माता रेणुका के पांच पुत्र थे जिनके नाम क्रमशः 1- रुमण्वान, 2- सुषेण, 3- वसु, 4- विश्वावसु एवं 5- परशुराम । परशुरामजी तो भगवान विष्णुजी के अवतार माने जाते हैं। रेणुका माता की कथा :- एक बार परशुरामजी ने अपनी ही माता रेणुका की हत्या कर दी थी उनके…

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मां शूलिनी विजय की देवी @thesamskara

मां शूलिनी विजय की देवी… शूलिनी माता का इतिहास बघाट रियासत से जुड़ा है। माता शूलिनी बघाट रियासत के शासकों की कुलदेवी देवी मानी जाती है। माता शूलिनी का मंदिर सोलन शहर के शीली मार्ग पर स्थित है। शहर की अधिष्ठात्री देवी शूलिनी माता के नाम से ही शहर का नाम सोलन पड़ा, जो देश…

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माता चिन्तपूर्णी जिन्हें छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है @thesamskara

माता चिन्तपूर्णी जिन्हें छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की भूमि है। प्रदेश के कोने-कोने में बहुत से प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं, लेकिन ऊना जिला में स्थित प्रसिद्ध धर्मिक स्थल चिन्तपूर्णी काअपनी ही महत्व है। चिन्तपूर्णी अर्थात चिन्ता को दूर करने वाली देवी जिसे छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है। छिन्नमस्तिका का अर्थ…

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भस्मासुर से बचने के लिए यहां छिपे थे भोलेनाथ, रो पड़ीं थी मां पार्वती @thesamskara

भस्मासुर से बचने के लिए यहां छिपे थे भोलेनाथ, रो पड़ीं थी मां पार्वती 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव । श्रीखंड की कहानी बड़ी ही रोचक है तभी तो हर कोई यहां जाना चाहता है। कहते हैं भस्मासुर राक्षस ने यहां तपस्या की और भगवान शिव से वरदान मांगा। वरदान यह था…

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हिमालय की बर्फीली चोटियों में स्थित है किन्नर कैलाश, 14 किमी की चढ़ाई के बाद होते हैं भोलेनाथ के दर्शन @thesamskara

हिमालय की बर्फीली चोटियों में स्थित है किन्नर कैलाश, 14 किमी की चढ़ाई के बाद होते हैं भोलेनाथ के दर्शन.. हिमालय की बर्फीली चोटियों में कई देव स्थान हैं। इनकी धार्मिक मान्यताएं भी बहुत अधिक है। ऐसा ही एक पर्वत है, किन्नर कैलाश। किन्नर कैलाश हिमाचल के किन्नौर जिले में स्थित है। ये शिवलिंग 79…

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मणिमहेश कैलाश पर्वत का रहस्‍य, जिसने भी की चढ़ने की कोशिश पड़ा मुश्किल में, ये हैं बेहद रोचक किस्‍से .. @thesamskara

मणिमहेश कैलाश पर्वत का रहस्‍य, जिसने भी की चढ़ने की कोशिश पड़ा मुश्किल में, ये हैं बेहद रोचक किस्‍से .. मणिमहेश कैलाश पर्वत का रहस्‍य कोई नहीं जान पाया है जिसने भी इसे जानने की कोशिश की वह सकुशल नहीं लौट पाया। चौथे पहर में मणिमहेश कैलाश पर्वत पर चमकने वाली मणि लोगों को यहां…

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कांगड़ा जिला में स्थित बैजनाथ मंदिर का इतिहास @thesamskara

बैजनाथ मंदिर बैजनाथ में स्थित नागर शैली में बना हिंदू मंदिर है। इसे 1204 ईस्वी में अहुका और मन्युका नामक दो स्थानीय व्यापारियों ने बनवाया था। यह वैद्यनाथ (चिकित्सकों के प्रभु) के रूप में भगवान शिव को समर्पित है। शिलालेखों के अनुसार वर्तमान बैजनाथ मंदिर के निर्माण से पूर्व इसी स्थान पर भगवान शिव के…

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