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सम्सकरा अर्थात संस्कृति

संस्कृति अर्थात हमारे संस्कार

और संस्कारों से बनती है संस्कृति
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इस साइट को बनाने का मुख्य उद्देश्य है अपनी संस्कृति और अपनी पहचान सबके बीच लाना ।

हिमाचल प्रदेश जिसे देवभूमि अर्थात देवताओं की भूमि कहा जाता है ।

हिमाचल पृथ्वी पर स्वर्ग से कम नहीं है क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक आकर्षणों से भरा हुआ है और इसका अपना समृद्ध पौराणिक अतीत है। कई पर्यटन स्थलों का केंद्र होने के साथ ही हिमाचल प्रदेश में अनगिनत प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जिसकी वजह से यह दुनिया के सभी कोनों से भारी संख्या में भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।

हिमाचल प्रदेश में 12 जिले हैं यहां का हर जिला अपने आप में एक अलग इतिहास रखता है ।

हिमाचल जिसकी राजधानी शिमला जिसे पहाड़ों की रानी भी कहते हैं ।

यहां भगवान भोलेनाथ जी के तीन कैलाश मणिमहेश कैलाश,श्री खंड कैलाश, किन्नर कैलाश है ।

यहां 52 शक्ति पीठों में से 5 शक्ति पीठ है श्री नैना देवी जी, श्री बृजेश्वरी देवी जी, श्री चामुण्डा देवी जी, श्री ज्वाला देवी जी, श्री चिंतपूर्णी जी । माता बगलामुखी जी का प्राचीन मन्दिर भी इसी देवभूमि में है ।

यह राज्य सनातन हिन्दू राज्य है इसी के साथ यहां सीख और बौद्ध दो संप्रदाय के भी अधिक धार्मिक स्थल है ।

जिला लाहौल स्पीति, चम्बा, किन्नौर, मण्डी, कुल्लू जहां अधिकतर बौद्ध संप्रदाय के भी धार्मिक स्थल है ।

जिला मण्डी और जिला कुल्लू, जिला ऊना, जिला सोलन यहां अधिकतर सीख संप्रदाय के भी धार्मिक स्थल है ।

जिला मण्डी जिसे छोटी काशी तो जिला कांगड़ा जिसे देवियों की नगरी भी कहा जाता है ।

हर जिला का इतिहास और हर जिला की संस्कृति को इस साइट के माध्यम से बताना हमारा मुख्य उद्देश्य है ।

साथ ही यू ट्यूब और अन्य माध्यम से भी जानकारी आपके बीच लाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है ।इस साइट को सम्सकरा की टीम जिला मण्डी से चला रही है ।