पांगी घाटी: हिमाचल प्रदेश की वो गुमनाम पर्वतीय घाटी जहाँ बहुत कम घुमक्कड़ पहुँच पाते हैं @thesamskara

पांगी घाटी: हिमाचल प्रदेश की वो गुमनाम पर्वतीय घाटी जहाँ बहुत कम घुमक्कड़ पहुँच पाते हैं…

कितने लोग हैं जो हिमाचल के बारे में जानते हैं। कुछ ने हिमाचल बहुत अच्छे से घूमा हुआ है तो कुछ लोगों ने हिमाचल को अपना रहने का ठिकाना ही बना लिया है ।हिमाचल प्रदेश बेशक भारत के सबसे लोकप्रिय राज्यों में से है। हर घुमक्कड़ की चाहत होती है कि वो एक बार हिमाचल जरूर जाए। फिर कुछ घुमक्कड़ ऐसे भी होते हैं जिनके लिए हिमाचल सिर्फ एक जगह नहीं बल्कि एहसास बन कर रह जाता है।

कुल्लू, मनाली, धर्मशाला, शिमला और यहाँ तक कि स्पीति घाटी तक को लोगों ने खूब टटोल लिया है। लेकिन हिमाचल में आज भी कुछ हिस्से ऐसे हैं जो लोगों की नजरों से बचे हुए हैं। ऐसी ही एक गुमनाम और अनछुई जगह है चंबा जिले की पांगी घाटी।

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित इस घाटी को राज्य का सबसे खूबसूरत लेकिन खतरनाक रहस्य कहा जा सकता है । अगर आपको लगता है आपने पूरा हिमाचल घूम लिया है तो आपको एक बार और सोच लेना चाहिए । 11,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित इस घाटी तक बहुत कम लोग पहुँच पाते हैं। पांगी बेहद खूबसूरत और लोकप्रिय जगह है। ये घाटी बेहद शांत है और यहाँ आने के लिए आपको बहुत हिम्मत की जरूरत है।

पीर पंजाल और जंस्‍कार पहाड़ों से बनी ये घाटी एडवेंचर प्रेमियों की लिस्ट में आती है। पांगी घाटी के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। जो इस खूबसूरत नगीने के बारे में जानते भी हैं उनमें से भी बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो इस घाटी से रूबरू होने के ख्वाब को सच कर पाते हैं। क्योंकि ये घाटी पर्यटकों की नजरों से बची हुई है इसलिए यहाँ आपको एकदम भीड़ नहीं मिलेगी। लेकिन इन सबके बावजूद इस घाटी तक पहुँच पाना कोई आसान काम नहीं है।

कहते हैं पांगी घाटी हिमाचल के इतने अंदरुनी हिस्से में है कि एक समय पर चंबा के राजा इस घाटी में तैनात लोगों को एक्स्ट्रा किराया दिया करते थे। शुरू से ही घाटी की लोकेशन इसके लिए एक तरह से वरदान बनी हुई है। लेकिन लोगों के लिए ये घाटी किसी मौत के कुंए जैसी है। इस घाटी में जो कोई भी जाता था उसके जिंदा वापस लौटकर आने की संभावनाएँ बेहद कम होती थीं।

एक समय में राज्य के चोरों को सजा के तौर पर इसी घाटी में भेज दिया जाता था। क्यूंकि इस घाटी को उस काल में काला पानी कहा जाता था ।

समय बदला सब बदला आज का पांगी उन सब बातों से अलग है :-

आपको इन सभी चीजों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। ये घाटी अपने आप में इतनी खूबसूरत है कि आपकी आँखें खुली रह जाएंगी। चारों तरफ बर्फीले पहाड़ और उससे बेहती नदी देखकर आपका दिल नाच उठेगा। यहाँ आपको नदी, पहाड़ और बेशकीमती नजारों के साथ साथ ढेर सारी शांति एकदम फ्री मिलती है जिसको देखकर आप खुश हो जाएंगे।

इस घाटी में एक बार जरूर जाएं क्यूंकि जो यहां गया वो यहां का बन कर रह गया और वापिस आने के बाद दिल जरूर कहेगा मेरा मन रह गया पांगी हो

यहां के बेहतरीन स्थान जो सच में आपका मन मोह लेंगे :-

किल्लर

किल्लर पांगी घाटी का मुख्यालय है। मुख्यालय होने की वजह से ही किल्लर हिमाचल के बाकी हिस्सों जैसे केलांग और चंबा से अच्छी तरह से जुड़ा हुए है। आप हिमाचल प्रदेश राज्य पर्यटन की बस लेकर यहाँ आ सकते हैं। किल्लर एक तरह से शिमला का बीता हुआ रूप है। अगर आपने शिमला की 100 साल पुरानी तस्वीरें देखी हैं तो आप अपने दिमाग में किल्लर की एक भीनी से तस्वीर बना सकते हैं। किल्लर वैसे बहुत छोटी जगह है जो मुश्किल से हजार लोगों का घर है।

हुडान

हुडान पांगी घाटी में ही बसा एक और छोटी घाटी का नाम है। इस घाटी में कुल 4-5 गाँव हैं जिनसे ये घाटी बनी हुई है। अगर आप इस घाटी के अंतिम छोर तक जाएंगे तो आप हुडान भटोरी नाम के एक गाँव में पहुंचेंगे जो इस घाटी का आखिरी गाँव है। इस घाटी की सबसे अनमोल चीज है यहाँ का तालाब जो हर साल एक शानदार महोत्सव की मेजबानी करता है। क्योंकि ये तालाब गाँव से हटकर खुले मैदान में है इसलिए आप यहाँ बैठकर हरे भरे बुग्यालों को भी देख सकते हैं।

सूरल

सूरल पांगी घाटी में मिलने वाली एक और बेहद शांत और सुंदर जगह है। इस जगह पर आपका स्वागत ढेर सारी हरियाली के साथ होगा। किल्लर से लगभग 22 किमी. की दूरी पर स्थित ये जगह पर्यटकों के लिए रहस्य बनी हुई है। लोग इसके बारे में जानते तो हैं पर यहाँ पहुँच नहीं पाते हैं। सूरल की लोकप्रियता यहाँ स्थित मोनास्ट्री की वजह से है जिसको आपको भी देख लेना चाहिए। ये मोनास्ट्री सूरल गांव के आखिर में है इसलिए यहाँ तक आने के लिए आपको पूरे गाँव से होकर गुजरना होता है। ये मोनास्ट्री जिस जगह है है वहाँ भोजपत्रा, जिन्हें हिमालयन बर्च भी कहा जाता है, के पेड़ों ने एक छतरीनुमा आकर बना रखा है। खास बात ये भी है कि इस मोनास्ट्री में मिलने वाली सभी किताबों को इन्हीं पेड़ों की छाल इस्तेमाल करके लिखा गया है। इसी स्थान से कुछ आगे चल कर एक शानदार वॉटर फॉल आपको देखने को मिलेगा जिसका अपना ही नजरिया है ।

मिंढल

अगर आप केलांग के रास्ते किल्लर आ रहे हैं तो रास्ते में आपकी मुलाकात पांगी घाटी के इस छोटे से गाँव से होगी। ये गाँव किल्लर से लगभग 12 किमी. की दूरी पर स्थित है और यहाँ पहुँचने के लिए आपको केलोंग से आसानी से बसें मिल जाएंगी। मिंढल में बहुत फेमस चामुंडा देवी का मंदिर है जो एक तरह से इस गाँव की पहचान भी है। इस मंदिर को मिंढल माता के नाम से भी जाना जाता है। जो इस घाटी में सबसे ज्यादा मानी जाने वाली देवी भी हैं।

इसके अलावा आप पांगी घाटी में धरवास, पुर्थी, चेरी बंगला, परमार घाटी और सईचू भी देख सकते हैं।

अगर आप पांगी घाटी घूमने जाना चाहते हैं तो आपको गर्मियों के समय में जाना चाहिए। क्योंकि ये घाटी बहुत ऊँचाई पर स्थित है इसलिए साल के बाकी समय और खासतौर से सर्दियों में इस घाटी तक पहुँचना नामुमकिन हो जाता है। भारी बर्फबारी की वजह से घाटी तक जाने वाली सभी सड़कें बंद हो जाती हैं। जून से अक्टूबर के बीच का समय पांगी जाने के लिए सबसे अच्छा और सही समय होता है।

पांगी घाटी तक पहुँच पाना बिल्कुल भी आसान काम नहीं है। इस घाटी तक जाने वाली सड़क को भारत की सबसे खतरनाक सड़कों में गिना जाता है। पांगी घाटी जाने के लिए चाहे आप देश के किसी भी कोने से आ रहे हों, आपको आखिर में सड़क का रास्ता ही लेना होता है।

चंबा-सच पास-किल्लर
केलांग-उदयपुर-किल्लर
जम्मू-किश्तेवार-किल्लर

एक बार फिर कहेंगे इस घाटी को किसी समय में काला पानी जैसा कहा जाता था परंतु आज के समय में ऐसा कुछ नहीं यह वो स्थान है जहां जाने का मन सच में बार बार करेगा बस मुख्य कारण है तो यह को डर पैदा करेगा वो है रास्ते क्यूंकि दुनिया के सबसे ख़तरनाक रास्तों से गुजरने के बाद आपको यह घाटी दिखेगी ।