घर से भागे प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है ये मंदिर, खूब आव भगत के साथ रखा जाता है यहां जोड़ियों को शंगचुल महादेव का स्थान @thrsamskara

घर से भागे प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है ये मंदिर, खूब आव भगत के साथ रखा जाता है यहां जोड़ियों को ।

सुनने में नया है! घर से भागे प्रेमी जोड़ों को मिलती है इस मंदिर में शरण, पांडवों से शुरू हुई परंपरा जानिए शांगचुल महादेव मंदिर की पूरी कहानी, घर से भागे प्रेमियों के लिए आश्रय गृह, यह परंपरा पर है ।

अपने प्यार की कहानी को अंजाम तक पहुंचाने के लिए घर छोड़कर भागे दुनियाभर के प्रेमियों को शिव के इस खास मंदिर में पनाह मिल जाती है। अगर पार्टनर को भले ही घरवाले नकार दें या समाज वाले किसी भी तरह की मदद न दे सकें, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में महादेव खुद प्रेमी जोड़ों को आसरा और सुरक्षा प्रदान करते हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बने इस प्राचीन शिव मंदिर को सारे देश में शंगचूल महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां कई हजार लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। चलिए आपको इस मंदिर के बारे में और जानकारी देते हैं।

शंगचुल महादेव मंदिर कुल्लू की सैंज घाटी में मौजूद है। हरे-भरे मैदानों से घिरा ये मंदिर देखने में बेहद ही खूबसूरत लगता है। मंदिर लगभग 128 बीघा में फैला हुआ है, जिसे वुडकट स्टाइल में बनाया हुआ है। आपको यहां कई चीड़ के घने पेड़ नजर आएँगे, साथ ही ये जगह ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, जो कि एक विश्व धरोहर स्थल है का भी हिस्सा है। खूबसूरती के अलावा इस मंदिर की दिलचस्प बात ये है कि यहां प्रेमी जोड़ियों को आश्रय दिया जाता है। अगर कोई कपल घर से भागकर शादी करता है, तो भगवान उसकी रक्षा करते हैं।

यहां कपल किसी जाति या किस धर्म के हैं, ऐसी चीजें नहीं देखी जाती। जो भी भगवान के शरण में आता है, उसकी रक्षा की जाती है। प्रेमियों के खाने पीने का भी अच्छे से इंतजाम किया जाता है। यहां जोड़ियों के आने के बाद उनका जिम्मा गांव वालों द्वारा उठाया जाता है। यहां पुलिस की भी कोई दखलअंदाज़ी नहीं होती।

गांव में लोगों के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिसका पालन हर किसी को करना पड़ता है, जैसे यहां कोई शख्स शारब, सिगरेट का सेवन नहीं कर सकता। यहां किसी को भी चमड़े का सामान ले जाने की इजाजत नहीं है। यहां घोड़ों की भी एंट्री मना है। यहां कोई भी तेज आवाज में बात नहीं कर करता, लड़ाई झगड़ा करना मना है। साथ ही जब तक प्रेमी जोड़ियों के शादी से जुड़ी समस्या सुलझ नहीं जाती, तब उन्हें वहां से कोई नहीं हटा सकता। मंदिर के पुजारी, उनकी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।

महाभारत काल में पांडवों को दी गई थी यहां शरण –

पौराणिक कथा के अनुसार, पांडवों ने यहां शरण ली थी। जब कौरवों उनका पीछा करते हुए यहां पहुंचे, उन्हें पांडवों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए शंगचुल महादेव ने कौरवों को ये कहकर रोक दिया कि ये मेरा क्षेत्र है और जो भी मेरे पास आएगा उस व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता। महादेव के डर से कौरव वापस लौट गए। तब से लेकर अब तब समाज से ठुकराए हुए हर व्यक्ति या प्रेमी जोड़ियों को यहां शरण दी जाती है, जिनकी रक्षा खुद भगवान शिव करते हैं।

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